नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आप को कुंडली देखने का आसान तरीका के बारे में बता रहे है जिसका जानकारी शादी से पहले हर माता पिता अपने बच्चो के लिए देखते है और उनकी कुंडली मिलाने की कोशिश करते है। जिसे की उनके बच्चे अपने शादी शुदा जीवन में हमेशा खुश रहे।
हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ काम करना हो या कोई बड़ा काम की शुरुवात करना हो तो सबसे पहले लोग अपने शुभ समय और शुभ मुहूर्त देखते है और अपना काम का शुरुवात करते है। इस लिए जब भी किसी की शादी की बात होती है तो वह सबसे पहले लड़के और लड़की की कुंडली मिलते और देखते है की कितने गन मिलते है। जन्म कुंडली से लोगो का भभीष्य देखा जाता है और यह भी पता लगाया जा सकता है की वह किस छेत्र में कामयाबी हासिल कर सकता है।
बच्चे की जन्मकुंडली देखने का तरीका
हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि यदि बालक का जन्म ठीक समय पर होगा तो ग्रहों का फल भी ठीक होगा। और यदि इष्ट में किसी भी प्रकार की चूक या गड़बड़ी हो गई तो सम्पूर्ण फल में गड़बड़ी हो जाती है। इसलिए बालक के पिता को उचित तरीके से प्रसव के समय ऐसी तेज और शिक्षित महिला को चयन करें जो बच्चे के जन्म लेते ही पहली स्वांस का समय को नोट कर सके। और उसकी सुचना बाहर बच्चे के पिता को दे सके। बिना इस सही समय की जानकारी के जन्म पत्रिका को अशुद्ध माना जाता है। और उसका भभिष्य का सही आकलन नहीं किया जा सकता है।
आपको यह सब मालूम करना चाहिए की बच्चे के जन्म का समय सही है या नहीं इसके लिए लग्न जातक से वह सब डाटा मेल मिल जाये तो मान लो की जन्म का समय ठीक है। यहाँ अपने सटीक समय पर बनी कुंडली को अपने सामने रख ले और लग्न को देखकर बच्चे के आचरण और उससे जुडी जानकारी से मिलान करें।
जन्मकुंडली मिलान विधि
जन्मकुंडली कुंडली में जिस घर में लग्न लिखा है उस घर में जो अंक लिखा है उस नंबर की राशि को ही उसका लग्न घर कहा जाता है जैसे लग्न घर में अंक 2 है या 4 है तो इस प्रकार देखें राशियों का क्रम 1 मेष, 2 वृष, 3 मिथुन, 4 कर्क, 5 सिंह, 6 कन्या, 7 तुला, 8 वृश्चिक, 9 धनु, 10 मकर, 11 कुम्भ, 12 मीन।
2 नंबर की राशि वृष है तो लग्न वृष होगा या लग्न में अंक 4 लिखा हो तो लग्न कर्क होगा, ईसी प्रकार आप अपने कुंडली में लग्न देखकर जन्म समय की सटीकता की जांच करें।
जन्म तारीख से कुंडली कैसे मिलाए?
अंक विज्ञान के अनुसार हमारे जन्म की तारीख की संख्या के कुल योग को मूलांक कहते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि किसी जातक का जन्म 27 तारीख़ को हुआ हो, तो उसका मूलांक 2+7=9 होगा। यदि किसी जातक का जन्म 19 या 28 तारीख़ को हुआ है तो इन तीनों संख्या का योग क्रमशः 1+9=10 और 2+8=10 होगा।
शादी के लिए कुंडली मिलान
शादी के लिए सबसे पहले यह देखा जाता है की लड़का और लकड़ी की कितने गुण मिल रहे है और उनकी कुंडली में कोई दोष तो नहीं है। अगर लड़का और लड़की की कुंडली में कोई दोष हो तो कुंडली की दोष को निवारण के लिए कौन सा पूजा किया जाये। क्योकि अगर कुंडली में कोई भी दोष हो तो लड़का और लड़की की शादी शुदा जीवन में कभी भी खुशहाली नहीं आती है और हमेशा तनाव में बना रहते है। और उनकी शादी ज्यादा दिन तक चल नहीं पाती है और वह शादी के कुछ दिन बाद तलाक ले लेते है।
शादी के लिए गुण कैसे देखें
ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार, विवाह के समय कुंडली मिलान में अष्टकूट गुण देखे जाते हैं. इसमें नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण का मिलान होता है. इस प्रकार से कुल 36 गुण होते हैं।
नाम से कुंडली मिलान कैसे किया जाता है?
नाम के अनुसार कुंडली मिलान का मतलब होता है कि वर और बधुदोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुण मिलान करना। इसमें दोनों के नाम से पता लगाया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं और इनकी शादी कैसी निभेगी। गणना के अनुसार 36 गुण मिलने पर विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है।
कुंडली मिलान या गुण मिलान और उसका महत्व
ज्योतिष विज्ञानं के अनुसार कुंडली मिलाते हुए गुण मिलान में नाड़ी कूट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है | अगर नाड़ी कूट प्रतिकूल है तो 27 गुणों का मिलान भी अशुभ माना जायेगा |
गुण मिलान में अधिकतम 36 गुण होते है | अगर भकूट और नाड़ी कूट अनुकूल है तो 31 से 36 गुणों का संयोजन सर्वश्रेष्ट माना जायेगा, 21 से 30 गुण बहुत अच्छे, 17 से 20 मध्यम और 0-16 गुण अशुभ होते है |
अगर आप किसी भी तरह का कुंडली मिलाना करना चाहते है या किसी का कुंडली देख कर उसका जीवन आकलन करना चाहते है तो आप बिना किसी देरी के हमारे बाबा जी से आज ही बात करे और अगर किसी की कुंडली मिल नहीं रही है या किसी के कुंडली में कोई दोष है तो आप हमारे पंडित जी से मुफ्त में परमर्श ले सकते है।